पूर्वी चंपारण के केसरिया प्रखंड मुख्यालय स्थित कृषि भवन के सभागार में भारत की जनवादी नौजवान सभा एआईएसएफ एसएफआई के संयुक्त तत्वाधान में शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव का 92 वां शहादत दिवस समारोह मनाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सुश्री कृति दत्ता कर रही थी। जबकि संचालन क्रांतिकारी नेता धनंजय कुमार कर रहे थे ।इस कार्यक्रम के पूर्व प्रखंड परिसर से एक मार्च निकाल कर नगर के चौक चौराहे होते हुए पूण: कृषि भवन में पहुंची जहां शहीद-ए-आजम भगत सिंह के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुश्री दत्ता ने शहीदे आजम भगत सिंह राजगुरु सुखदेव के ऊपर आलेख प्रस्तुत किया । वहीं उन्होंने कहा कि 1907 को जन्मे भगत सिंह ने स्वतंत्रता आंदोलन की तपिश को बचपन से ही पारिवारिक माहौल में महसूस किया था।देश की आजादी के आंदोलन में उनकी गहरी रुचि और सहभागिता थी। वहीं उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक, ऐतिहासिक दृष्टिकोण से सामाजिक समस्याओं के विश्लेषण की क्षमता वाले अद्भुत बौद्धिक क्रांतिकारी व्यक्तित्व के प्रतिरूप भी थे।इस कार्यक्रम की समापन का0 बंकिम चंद्र दत्त ने करते हुए शायराना अंदाज में कहा कि शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशा होगा। वहीं उन्होंने कहा कि गांवों और कारखानों में किसान और मजदूर हीं असली क्रांतिकारी सैनिक हैं न की पूंजीपति। वहीं उन्होंने उपस्थित जन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नौजवान राजनीतिक कार्यकर्ताओं को सलाह दी कि वह मार्क्स और लेनिन का अध्ययन करें उनकी शिक्षा को अपना मार्गदर्शक बनाएं। वहीं उन्होंने बताया कि देश की जनता पर पूर्णतया फांसीवादी, तानाशाही हुकूमत थोप देने की ओर अग्रसर है।वहीं उन्होंने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केसरिया महोत्सव काफी लंबे अरसे से प्रशासन के ढीला सिली के कारण बंद पड़ा है ।इस सांस्कृतिक कार्यक्रम को पुनः चालू करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस महोत्सव को पुनः चालू नहीं किया गया तो कामरेड साथी एआईएसएफ एसएफआई के बैनर तले धरना प्रदर्शन कर आंदोलन करने को बाध्य होगी।इस मौके पर का0 हरिशंकर पासवान यश राज करण विवेक कुमार राजेश कुमार रविंद्र कुमार गुलशन कुमार विकास कुमार टुनटुन सा रामानंद मुखिया इत्यादि अन्य लोग उपस्थित थे