मोतिहारी मे एक अस्प्ताल् ने पेश की मिशाल
मोतिहारी:- कहते है न की दुनिया मे अगर सबसे कीमती चीज है तो वो है आँखे चाहे वो इंसान की हो या जानवर अथवा किसी भी पक्षी की,, दुनिया की सारी संपति एक तरफ और उसकी आँखे एक तरफ। जिसके पास आँखे है वो दुनिया को कभी भी मुट्ठी मे कर सकता है और जिसके पास ये आँखे नही उससे अभागा इस दुनिया मे कोई नही। शायद इसी दर्द को महसूस करते ही मोतिहारी मे एक ऐसा इंसान रूपी भगवान है जिसने अपना सारा जीवन व अपनी सारी संपति वैसे आँखों की लिए समर्पित कर दिया है जिसके पास इसके इलाज की लिए पैसे नही है । जी हाँ मोतिहारी की एक आँखों की डॉक्टर जब सरकारी नौकरी मे था तो उसने जिले व प्रदेश के सेकड़ो लोगो की सामने आँखों की ऐसी समस्या देखी की उसने अपनी सरकारी नौकरी का परीत्याग कर समाजसेवा की ठानी व उसने अपना निजी आँख अस्प्ताल् बना डाला व बड़े बड़े लोगो की मदद से उसने गरीब,, शोषित व पीड़ित मानवता की सेवा की लिए करने लगा मुफ्त मे ओपरेसन् व बन गया एक उदाहरण और आपको ये जाकर आश्चर्य होगा की इस इंसान ने अबतक लगभग सतर हजार से अधिक लोगो के आँखों की रौशनी वापस लौटाई है वो भी मुफ्त मे,, इतना ही नही आपरेसन की साथ ये लोगो को देता है मुफ्त मे चश्मा,, दवा,, व आनेजाने की भाड़े की साथ मुफ्त मे रहना खाना। जी हाँ और इस नेक दिल इंसान का नाम है डॉ धीरज रंजन जो मोतिहारी का रहने वाला है और इसका एक ही लक्ष्य है लोगो के आँखों का मुफ्त मे ओपरेसन् करना व उनकी खोई हुई रौशनिएको लौटना
वही इस डॉक्टर ने बिहार व बिहारी मान की रक्षा की लिए बिहार दिवस की अवासिस्पृ एक साथ सौ मरीजो का मुफ्त ओपरेसन कर मानवता की मिसाल पेश की है,,,,