बालू के अवैध खनन, उसके ट्रांसपोटेशन और स्टॉक करने के मामले में आज एक बड़े सरकारी अफसर के ऊपर शिकंजा कसा है। बिहार के आर्थिक अपराध शाखा की टीम बड़े सरकारी अफसर के ठिकानों को खंगाल रही है। इस अफसर का नाम सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा है। ये बिहार के खान एवं भू तत्व विभाग में डिप्टी डायरेक्टर हैं। राज्य में बालू के अवैध खनन को रोकने की जिम्मेदारी इनके कंधों पर थी। पर आरोप है कि बालू के अवैध खेल में ये पूरी तरह से शामिल थे। EOU की रेड में अब अब तक सरकारी आमदनी से 89.88 लाख की अवैध संपत्ति का पता चला है।
इनके कारनामों की शिकायत लगातार राज्य सरकार के पास पहुंच रही थी। भ्रष्टाचार को ये किस कदर बढ़ावा दे रहे थे, इसकी हर एक जानकारी ऊपर तक पहुंच रही थी। सरकार के आदेश पर ही EOU ने डिप्टी डायरेक्टर की कुंडली खंगाली। जिसमें बालू माफियाओं के साथ इनके सांठगांठ की बात पुष्ट हो गई। इसके बाद ही 17 फरवरी को EOU ने पटना में डिप्टी डायरेक्टर सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का FIR दर्ज किया।
3 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी
कोर्ट से परमिशन लेने के बाद सोमवार को EOU की 3 अलग-अलग टीम ने इनके ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है। इसमें पहला ठिकाना औरंगाबाद में महाराणा प्रताप नगर रोड नंबर 2 में स्थित इनका पुश्तैनी घर है। दूसरा ठिकाना पटना में रूपसपुर थाना के तहत वेद नगर में किराया का घर है। जबकि, तीसरा ठिकाना न्यू सचिवालय स्थित विकास भवन का सरकारी दफ्तर है।
EOU का दावा है कि सरकारी नौकरी करते हुए डिप्टी डायरेक्टर की संपत्ति आय से 68.32 प्रतिशत अधिक मिली है। सरकारी पद का दुरुपयोग कर इन्होंने अकूत संपत्ति अर्जित की है। इनकी पत्नी के नाम से जमीन के कई प्लॉट और बैंक अकाउंट मिले हैं। जिसे खंगाला जा रहा है। अब तक सरकारी आमदनी से 89.88 लाख की अवैध संपत्ति का पता चला है।