यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जी जान से जुटी हैं. इस बार उत्तर प्रदेश चुनाव मैदान में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया PSP(L) के अध्यक्ष शिवपाल यादव और SP अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच सब कुछ ठीक है. एबीपी न्यूज संवाददाता से बातचीत के दौरान शिवपाल यादव ने कहा कि पूरा परिवार एक है. उन्होंने कहा कि हमने अखिलेश को नेता मान लिया है तो अब हम चाहते हैं कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में सरकार बने और बीजेपी को प्रदेश से भगाएं. उन्होंने कहा कि अब यह जरुरी भी हो गया हैं. बीजेपी के पांच साल के शासन में पूरे उत्तर प्रदेश की जनता काफी परेशान हुई है. इन्होंने जनता के लिए कोई काम नहीं किया. झूठ बोलकर सिर्फ सपने दिखाए हैं.
अपर्णा यादव के बीजेपी में जाने के सवाल पर शिवपाल यादव ने कहा कि अपर्णा को सब लोग जानते हैं. ठीक है कि उन्हें घर की बहू माना जाए. अब परिवार में कौन कितना मानता है ये भी सब जानते हैं. अगर नेताजी मानते हैं तो हम भी मानते हैं. प्रतिद्वंदी पार्टी में जाने पर उन्होंने कहा हमलोग समाजवादी हैं वो हमेशा समाजवादी रही हैं लेकिन अब समाजवादी नहीं हैं. आरएलडी के जयंत चौधरी के साथ अखिलेश यादव की ज्यादातर रैली को लेकर उन्होंने कहा कि हमलोग पूरी तरह से गठबंधन के साथ हैं. यह गठबंधन उत्तर प्रदेश में सरकार बनाएगा. उन्होंने कहा पूर्वांचल, बुंदेलखंड में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान काफी काम किए गए हैं. बीजेपी की सरकार ने यहां कोई काम नही किया
पार्टी के विलय के सवाल पर शिवपाल यादव ने कहा कि हम मान के चलते हैं कि 403 सीटे हमारी ही हैं. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया की भी है. हमारी अपील भी है सभी हमारे PSP(L) के लोगों से कि जो भी गठबंधन के प्रत्याशी हैं, समाजवादी के प्रत्याशी हैं उन सबको को जीत दिलाने में मदद करें. उन्होंने बीजेपी के आरोपों पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि हमने कभी गुंडई को पसंद नहीं किया. हम हमेशा आतंकवाद के खिलाफ सख्त रहे हैं. हम यूपी की जनता को आश्वासन देना चाहते हैं कि अखिलेश के नेतृत्व में सरकार बनने पर कभी भी प्रदेश में किसी तरह की गुंडागर्दी नहीं होने देंगे.
अखिलेश यादव ने क्या ऐसा कहा जो वापस आ गए जो चार साल में उन्होंने नहीं कहा? इस पर शिवपाल यादव ने कहा कि हम शुरू से बोल रहे थे कि कुछ लोग गलतफहमियां पैदा कर रहे हैं. उन गलतफहमियों को दूर होने में थोड़ा वक्त लगता है. और ये सब जानते हैं कि किसने ये किया था और अब हमें बताने की जरुरत नहीं है.