पूर्वी चंपारण जिले में इन दिनों से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, जिस कारण सब्जियों की फसल को भारी नुकसान हो रहा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक जनवरी माह में पारा 6 डिग्री से नीचे तक पहुंचने के कारण आलू की फसल पर खराब प्रभाव पड़ा है. इसी के साथ ही घने कोहरे के कारण सरसों की फसल भी बर्बाद हो रही है. गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह से ही बिहार के कई जिलों में घना कोहरा और पाला पड़ रहा है, सुबह – शाम पड़ रही अत्यधिक ठंड व पाला के कारण आलू की फसल में झुलसा रोग पकड़ने का खतरा बढ़ गया है। कई जगह खेत में आलू के पौधे पीले होने लगे हैं। इससे किसानों के माथे पर बल पड़ने लगा है और वे अपनी फसल को बचाने का उपाय ढूंढ़ने में जुट गये हैं। घोड़ासहन प्रखंड के किसान बबलू बसंत कुशवाहा ने बताया की करीब दो कट्ठा खेत में आलू की खेती की है। शुरुआती दिनों में आलू के पौधे बिल्कुल हरे थे और उनका ग्रोथ भी तेजी के साथ हो रहा था। लेकिन इधर जबसे ठंड बढ़ी है तबसे पौधों का ग्रोथ रूक सा गया है और उपर से पौधों का रंग भी पीला होने लगा है। फसल की रंगत देखकर उनकी चिंता बढ़ गयी है। इसी तरह से उन्हीं के गांव के कुछ किसानों का कहते हैं कि उन्होंने भी आलू थोड़ी खेती की है। पौधे अभी काफी छोटे छोटे हैं और ठंड भी काफी बढ़ गयी है, पौधों की वृद्धि रूक सी गयी है। धूप निकलती रही तब तो फसल अच्छी हो सकती है और अगर ठंड अत्यधिक पड़ती रही और शीतलहर इसी तरह रहा तो इन पौधों को बचाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी इसी खेत में आलू की खेती की थी लेकिन पाला के कारण फसल झुलसा रोग की चपेट में आ गयी थी और उपज अच्छी नहीं हुयी थी।