इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है. सूर्य देव के धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति या फिर उत्तरायण के नाम से जाना जाता है. कहते हैं कि इस दिन सूर्य देव उत्तरायण होते हैं. उत्तरभारत के कई हिस्सों में मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं, असम में बीहू और दक्षिण में पोंगल का पर्व मनाते हैं.
ज्योतिषियों के मुताबिक इस साल मकर संक्रांति पर शुक्रवार और रोहिणी नक्षत्र का खास संयोग बन रहा है. इस दिन रोहिणी नक्षत्र शाम 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. ज्योतिष में रोहिणी नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान और पूजा का विशेष फल मिलता है. इसके अलावा, मकर संक्रांति के दिन आनंदादि और ब्रह्म योग भी बनने वाला है.
ज्योतिषियों के अनुसार ब्रह्म योग को किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है. वहीं, आनंदादि योग हर तरह की सुख-सुविधाओं की प्राप्ति के लिए शुभ माना गया है. मान्यता है कि इस शुभ योग में शुरू किए गए कार्य में किसी भी प्रकार का विघ्न या बाधाएं नहीं पड़ती. साथ ही, कोई भी काम शुरू करने के लिए ये योग शुभ माना जाता है.
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति को बहुत ही खास माना गया है. गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियों आज के दिन स्नान करने और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. वहीं, इस दिन तिल-गुड़ और खिचड़ी खाना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन चावल, दाल और खिचड़ी का दान करने से पुण्य मिलता है. कहते हैं कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की उपासना भी बेहद फलदायी होती है.