पहले भारत में वित्तमंत्री बजट पेश करने के लिए लाल ब्रीफकेस लेकर आया करते थे, लेकिन 2019 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडियन लुक देते हुए इसे कपड़े का बनवाया और इसे लेकर सदन में पहुंची.वहीं इसे खाता बही का नाम दिया गया. इसकी परंपरा भी ब्रिटेन से अपनाई गई है, जहां इसे बजट चीफ विलियम ग्लैडस्टोन ने शुरू किया था. वे अपने लंबे बजट भाषण के लिए जाने जाते थे और इसलिए उन्हें सारे कागज रखने के लिए ब्रीफकेस की जरूरत पड़ती थी.केंद्रीय बजट की शुरुआत पेपर की ब्लू शीट होती है, जिस पर नंबर लिखे होते हैं. इसे बजट का ब्लू प्रिंट कहा जाता है. ये ब्लू शीट टॉप सीक्रेट होती है और इसकी पूरी जिम्मेदारी बजट के संयुक्त सचिव की होती है. 1973-74 में उच्च घाटे के कारण बजट को ‘ब्लैक बजट’ नाम दिया गया था. इसे तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव बी चव्हाण ने पेश किया था. उस समय कुल घाटा 550 करोड़ रुपये था.1997 में व्यक्तिगत आयकर और कॉर्पोरेट कर को कम करने के लिए कई बदलाव किए गए और बजट को ‘ड्रीम बजट’ का नाम दिया गया. लोगों ने बजट का स्वागत किया.
