जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने कहा है कि बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कमतर नही है। श्री तिवारी ने राष्ट्रीय बालिका दिवस पर अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि भारतीय के संविधान के तहत बालिकाओं और महिलाओं को कई विशेष अधिकार प्राप्त हैं। अब बालिकाएं बालकों अथवा लडकों से किसी भी मायने में कमतर नही हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने बालिकाओं के लिए भी पैतृक संपति में लड़कों के बराबर अधिकार दिया हैं। हर तरह से उन्हें कोपर्सनरी घोषित किया हैं। कुछ मामलों में बालिकाओं को लडकों-पुरूषों की तुलना में विशेष अधिकार हैं। उदाहरण के रूप में आपात स्थिति में महिलाओं को गर्भपात का अधिकार दिया गया है। नौकरियों में भी महिलाओं को बराबर का दर्जा देने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई हैं। अब बालक-बालिकाओं में फर्क मिट गया हैं। बस थोड़ी जागरूकता के अभाव में लोंगों में बालक-बालिकाओ के प्रति गलत अवधारणा बैठी हुई हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आगामी 12 मार्च को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन होना है। जिलेवासी अधिक से अधिक अपने वादों का निष्पादन करायें। उन्होंने कहा कि 12 फरवरी तक चेक बाउंस,
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बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कमतर नही- डिस्ट्रिक्ट जज
- k9bharat
- January 25, 2022
- 4:43 am
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