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बेतिया के धीरज से PM मोदी ने की बात

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बेतिया के योगापट्टी प्रखंड की चौमुखा पंचायत के वार्ड 6 निवासी धीरज कुमार (14) का गांव इस 26 जनवरी चर्चा का केंद्र रहेगा, क्योंकि धीरज को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया जा रहा। दरअसल, 2 सितंबर को धीरज ने अपने साहस का परिचय देते हुए एक मगरमच्छ से लड़कर अपने छोटे भाई की जान बचाई थी। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धीरज से बात की। इस दौरान धीरज ने बताया कि वो फौजी बनकर देश की सेवा करना चाहता है।

पिछले साल 2 सितंबर को धीरज कुमार और उसका छोटा भाई नीरज कुमार (11) भैंस चराने के लिए दियारे में गए थे। इसी दौरान गंडक नदी के एक सोती में दोनों भाई भैंस को नहलाने लगे। इसी बीच छोटे भाई नीरज पर मगरमच्छ ने हमला बोल दिया। नीरज पर हमला देखते ही धीरज मगरमच्छ से जा भिड़ा। भैंस चराने के लिए साथ में ले गए डंडे से वार करता रहा। इसके बाद मगरमच्छ को हरा कर धीरज ने अपने छोटे भाई नीरज की जान बचा ली। हालांकि, इस दौरान दोनों भाई गंभीर रूप में घायल भी हो गए थे। उनका जीएमसीएच बेतिया में 7 दिनों तक इलाज भी चला था।

धीरज के पिता राजबली यादव खेती बारी का काम करते हैं। वहीं, मां घर के कामों के बाद पिता के काम में भी हाथ बटांते हैं। दोनों बच्चे धीरज और नीरज ग्रामीण स्कूल में पढ़ाई के साथ पिता के काम में हाथ बटाते हैं।

धीरज कुमार से PM मोदी ने कहा- आपके साथ जो घटना घटी, उसका कैसे सामना किया?
धीरज कुमार- हम भाई भैंस धोने गए थे। तभी मगरमच्छ ने भाई पर हमला कर दिया था। मैं घायल हो गया था पर भाई को घर ले आया। वहां से मैं भाई को अस्पताल लेकर गया। मैं 14 साल का था।
PM- भाई उस घटना को याद करता है।
धीरज- डर लगता है उसे, वो अब नदी के पास नहीं जाता है।
PM- मगर इतना बड़ा दिखा तो डर नहीं लगा।
धीरज- उस समय मुझे केवल मेरा भाई दिख रहा था और कुछ नहीं।
आपने अपने भाई को बचाया। ऐसा साहस और संयम दिखाया आपने और बुद्धि भी दिखाई। आप जैसे बालक ऐसी घटनाओं में जब अपने भीतर की सारी शक्ति को दिखाते हुए जिंदगी बताते हैं तो प्रेरक बना जाते हैं। आगे क्या बनोगे।
धीरज- फौजी बनकर देश की सेवा करूं

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