बिहार के गया जिले में पितृपक्ष मेला में देश एवम् विदेश के कोने कोने से लोग पिंडदान करने आते हैं। पिंडदान की अवधि में 15 दिन गया के विष्णुपद मंदिर के आसपास प्रतिबंधित क्षेत्र रहता है जिसमें आम आदमियों को पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचना होता है। परंतु इस अवधि में पूर्व के समय लोगों को वीआईपी पास दिए जाने की व्यवस्था रही है जिसके कारण समाज के कई लोगों के द्वारा आपत्ति जताई गई है। पिंडदान करने लोग जिस रास्ते से जाते हैं वह बहुत ही सकरा रास्ता है जिसमें पितृपक्ष मेला के अवधि में 15 दिन पिण्डदानियो का सैलाब पूरे रास्ते में रहता है परंतु वीआईपी लोगों को वीआईपी वाहन पास दिए जाने के कारण वीआईपी वाहनों से खचाखच भीड़ वाले उस रास्ते में पिण्डदानियो को लगातार परेशानी होती है जिसके कारण कई लोगों द्वारा वीआईपी पास बंद किए जाने की मांग उठाई गई है। इस संबंध में विष्णुपद मंदिर समिति के सदस्यों, शहर के गणमान्य व्यक्तियों, बुद्धिजीवी वर्ग, एवं शांति समिति के सदस्यों के साथ समाहरणालय सभाकक्ष गया में अनुमंडल पदाधिकारी गया सदर, जिला परिवहन पदाधिकारी गया, पुलिस उपाधीक्षक नगर एवं पुलिस उपाधीक्षक यातायात के द्वारा गणमान्य लोगों के साथ बैठक बुलाई गई। बैठक में सभी लोगों के द्वारा कहां गया की पितृपक्ष के समय में गया शहर वासियों के लिए देश एवं विदेश के कोने-कोने से आने वाले तीर्थयात्री ही वीआईपी होते हैं जो पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचते हैं उन्हें कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए इसलिए खचाखच भीड़ वाले उन प्रतिबंधित क्षेत्रों में वीआईपी पास की व्यवस्था को हटाना चाहिए ताकि आम पिंडदानी जो दूरदराज से आते हैं उनको कोई असुविधा नहीं हो। कुछ सदस्यों के द्वारा बताया गया की मेला क्षेत्र के इन भीड़भाड़ वाले जगहों पर जब भी वीआईपी पास वाले गाड़ियां आती हैं तो लगातार हॉर्न बजाकर उन्हें हटाया जाता है जो कि कहीं से भी उचित नहीं है। इसलिए सदस्यों के द्वारा सहमति व्यक्त की गई कि इन प्रतिबंधित क्षेत्रों में वीआईपी वाहनों को पास को दिए जाने की प्रथा को बंद किया जाना चाहिए ताकि इस क्षेत्र को प्रदूषण रहित, नो हार्म जोन, नो पोलूशन जोन, नो व्हीकल जोन बनाया जा सके। बैठक में सहमति व्यक्त की गई कि सभी लोग आम आदमी की तरह चांद चौराहा एवं बंगाली आश्रम में अपनी गाड़ी छोड़कर मंदिर तक एवं घाट तक पैदल जाएं एवं यदि वृद्धजन एवं दिव्यांगों जरूरतमंदों के लिए ई रिक्शा की व्यवस्था की जानी चाहिए एवं आवश्यकता अनुसार ई-रिक्शा से मंदिर तक जा सके। इस हेतु प्रशासन के द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र के नजदीक लगभग 700 गाड़ियों के लिए कोलरा हॉस्पिटल में वाहन पार्किंग बनाया जा रहा है। बैठक में इस बात पर भी सहमति व्यक्त की गई कि प्रशासन के लोग भी चांद चौरा एवं बंगाली आश्रम पर उतर कर पैदल ही आम आदमी की तरह विष्णुपद मंदिर जाएं। इन प्रतिबंधित क्षेत्रों में जरूरतमंदों के लिए जिला परिवहन कार्यालय के द्वारा निःशुल्क ई रिक्शा की सेवा मेला अवधि तक प्रदान किया जाएगा।
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पितृपक्ष मेला में देश एवम् विदेश के कोने कोने से लोग पिंडदान करने आते हैं।
- k9bharat
- September 6, 2022
- 12:22 pm
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